गर्भाशय का कैंसर जिसे यूटेराइन कैंसर भी कहते है , महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है । भारत में इस कैंसर के मरीज अमेरिका या यूरोप के मुकाबले कम है लेकिन धीरे धीरे ये तादाद बढ़ रही है। यह एक बढ़ती उम्र का कैंसर है और इसके अधिकांश मरीज चालीस साल के ऊपर की अवस्था के होते है। यह कैंसर किसी भी महिला को हो सकता है पर कुछ वजहों से इसके होने की सम्भावना ज्यादा हो जाती है । यह निम्नलिखित है :
- मोटापा: मोटापे की वजह से शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है जिसकी वजह से कैंसर के होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- शराब का सेवन : शराब का सेवन शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है और इससे कैंसर होने का रिस्क भी बढ़ जाता है।
- लाल मांस या प्रोसेस्ड मांस का सेवन : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ ) के मुताबिक कुछ कैंसर लाल मांस और प्रोसेस्ड मांस के सेवन से हो सकता है। इसमें गर्भाशय का कैंसर भी देखा गया है
- कुछ तरह की दवाइयां : कुछ तरह की गर्भ निरोधक गोलियां जिसमें केवल एस्ट्रोजन होता है , कैंसर की दवाई ( टामॉक्सीफेन) से भी बच्चेदानी के कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- अनुवांशिकी या जेनेटिक्स : गर्भाशय के लगभग पांच प्रतिशत कैंसर अनुवांशिक होते है।
- इसके अलावा जिन महिलाओं में बांझपन या डायबिटीज होता है उन में यह कैंसर ज्यादा देखा जाता है।
आईये अब जानते है की इस कैंसर के चिन्ह क्या होते है। बच्चेदानी के कैंसर के अधिकांश मरीजों में कैंसर शुरुआती अवस्था में ही पकड़ में आ जाता है क्योकि इस बीमारी के चिन्ह जल्दी आ जाते है जो इस प्रकार है :
- महीने के रास्ते रक्तस्त्राव : रजोनिवृत्ति के बाद अगर ब्लड दोबारा आना शुरू हो जाये तो यह कैंसर हो सकता है।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव का होना- हालांकि, मासिक धर्म (Menstrual Cycle) के दौरान कुछ मात्रा में रक्तस्राव होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा भी देखा गया है कि उन्हें इस दौरान अधिक मात्रा में रक्तस्राव होता है या फिर बिना मासिक के भी ब्लीडिंग होना कैंसर के चिन्ह हो सकते है
- कमजोरी महसूस होना , भूख कम लगना , वजन में कमी आना भी कैंसर की वजह से हो सकते है।
अगर आप या आप के किसी भी जान पहचान की महिला को ऐसे लक्षण है या फिर इस बीमारी के बारे में इलाज से संबंधित अधिक जानकारी चाहते है तो दिए गए मोबाइल नंबर या ईमेल पर संपर्क करे :
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