पेट का कैंसर या गैस्ट्रिक कैंसर(GASTRIC CANCER) पेट की कोशिकाओं के डीएनए(DNA) में कोई त्रुटि(MUTATION) आने से होता हैं। यह
कैंसर पेट की दीवार से होकर शरीर के दूसरे अंगो में भी फैलता हैं अगर समय रहते इसका इलाज़ नहीं किया जाएँ।
पेट के कैंसर के लक्षण
पेट के कैंसर के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:-
१. भूख न लगना।
२. पेट में जलन होना।
३. शरीर का कमज़ोर होना।
४. वज़न का अनियमित रूप से या तेज़ी से कम होना।
५. पेट में दर्द होना।
६. मल में खून का आना।
७. उल्टी की शिकायत रहना या रक्त के साथ उल्टी का आना।
८. पेट का फूला हुआ महसूस होना।
पेट का कैंसर होने के कारण
पेट के कैंसर होने के बहुत से मुख्य कारण हैं जिनमे से कुछ कारण हैं:-
१. वृद्धावस्था - यह कैंसर वृद्ध लोगों में होने की सम्भावना ज्यादा होती हैं।
२. पेट में सूजन का होना - पेट में सूजन का लम्बे समय से होना या समय रहते उसका ईलाज़ न होना कैंसर का एक मुख्य कारण हैं।
(Inflammation, Gastritis)
३. धूम्रपान - धूम्रपान किसी भी कैंसर के होने का एक मुख्य कारण हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में भी पेट के कैंसर होने की सम्भावना हैं।
४. डाइट - खाने की डाइट में तेल व नमक का ज्यादा मात्रा में होना और फल एव सब्ज़ी का कम मात्रा में होना पेट के कैंसर होने का एक
कारण हैं। जंक फ़ूड खाने से भी पेट का कैंसर होता हैं।
५. मोटापा - अधिकतर मामलों में देखा गया हैं की पेट का कैंसर उन रोगियों को होता हैं जो व्यक्ति मोटे होते हैं या जिस व्यक्ति का वज़न एक
स्तर से ऊपर होता हैं।
६. पारिवारिक इतिहास - अगर किसी व्यक्ति के परिवार में पहले किसी को पेट की कैंसर की समस्या हो चुकी हैं तो इससे उस व्यक्ति को कैंसर
होने की सम्भावना दूसरे मुख्य कारणों से अधिक होती हैं।
७. पेट में पॉलिप्स का होना - पेट की अंदरूनी परत के अंदर ऊतक(TISSUE) का असामान्य रूप से बढ़ना गैस्ट्रिक पॉलीप कहलाता हैं।
अधिकांश पेट के पॉलिप्स कैंसर नहीं होते लेकिन कुछ पॉलिप्स से कैंसर के होने की सम्भावना अधिक होती हैं।
८. शऱाब का सेवन करना - शराब के अत्यधिक सेवन से पेट का कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं क्योंकि शराब का सेवन शरीर के लिए
हानिकारक होता हैं और शराब के सेवन से शरीर पर विषाक्त प्रभाव(Toxic effect) होता हैं जो गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को बढ़ाता हैl
९. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) या H. Pylori - हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक बैक्टीरिया हैं जो शरीर के पाचन
तंत्र में रहता हैं और इससे पेट में इन्फेक्शन होता हैं। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन से पेट में अलसर या कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती
हैं और यह पेट के कैंसर का एक मुख्य कारण भी हैं।
पेट के कैंसर के प्रकार
पेट के कैंसर के चार प्रकार होते हैं:-
१. एडिनोकार्सिनोमा(
रूप से पायें जाने वाला कैंसर हैं जो 90-95% मरीजों के पेट के कैंसर में पाया जाता हैं।
२. लिम्फोमा(LYMPHOMA) - यह कैंसर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली(Immune System) के ऊतकों में विकसित होने वाला कैंसर हैं।
यह पेट के अन्य कैंसर के मुकाबले बहुत ही कम देखने को मिलता हैं।
३. गैस्ट्रोइंटेस्टिनल स्ट्रोमल ट्यूमर - यह कैंसर पेट की परत पर पाईं जाने वाली कोशिकाओं में विकसित होता हैं। यह पेट के कैंसर का काफी
दुर्लभ रूप हैं।
४. कार्सिनोइड ट्यूमर - पेट के कैंसर का यह रूप बहुत ही कम मरीजों में पाया जाने वाला होता हैं जो की पेट में हॉर्मोन पैदा करने वाली
कोशिकाओं में विकसित होता हैं।
पेट के कैंसर का इलाज़
पेट का कैंसर एक जानलेवा बीमारी हैं। पेट के कैंसर के रोगियों के लिए विभिन्न प्रकार के इलाज़ हैं जैसे कि :-
१. सर्जरी।
२. कीमोथेरेपी।
३. रेडिएशन थेरेपी।
४. इम्म्यूनो थेरेपी।
५. टार्गेटेड थेरेपी।
इसके अलावा अन्य दवा चिकित्सा भी हैं जो पेट के कैंसर का इलाज़ करने में सहायक हैं।
पेट के कैंसर से बचाव
पेट के कैंसर से बचाव के लिए हमें कई महत्वपूर्ण तरीकों को अपनाकर उसका जोखिम कम करना चाहिए जैसे की :-
१. स्वस्थ आहार ग्रहण करना - पेट के कैंसर से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं स्वस्थ आहार का ग्रहण करना यानि की खाने में नमक की
मात्रा कम होना, फल एव सब्जियाँ की मात्रा ज्यादा होना और साथ ही साथ जंक फ़ूड और तेल एव मसालेदार खाने का परहेज़ करना।
२. धूम्रपान न करना - धूम्रपान किसी भी कैंसर का एक मुख्य कारण हैं इसीलिए धूम्रपान एव तम्बाकू का सेवन करने से बचना चाहिए।
३. शराब के सेवन से बचना - शराब के सेवन से भी बचना चाहिए क्योंकि शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता हैं और कई कैंसर
जैसी बीमारियों का कारण भी।
४. वज़न नियंत्रण में रखना - पेट के कैंसर से बचाव के लिए वज़न का नियंत्रण में होना जरुरी हैं क्योंकि मोटापा पेट के कैंसर का एक मुख्य
कारण हैं और इसके लिए नियमित रूप से व्यक्ति को शारीरिक गतिविधिया एवं व्यायाम करना चाहिए।
पेट के कैंसर से संभंधित कुछ प्रश्न :-
१. क्या पेट का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो जाता हैं?(Is it curable)
उत्तर - कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता हैं अगर यह समय रहते पकड़ लिया जाए और समय रहते इसका ईलाज़ शुरू कर दिया जाए या यह
कैंसर पेट के अलावा शरीर के अन्य किसी अंग में न फैला हों।
२. क्या जीवन शैली में बदलाव से कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता हैं?
उत्तर - जीवन शैली में बदलाव करने से कैंसर के रिस्क की काफ़ी हद तक कम किया जा सकता हैं जैसे की धूम्रपान और शराब के सेवन से
बचना, खाने में पौष्टिक आहार का सेवन करना जैसे कि खाने में फल एवं सब्ज़ी की मात्रा का ज्यादा होना। इसके अलावा लाल और प्रोसेस्ड
मांस के सेवन से बचना और साथ ही साथ प्रतिदिन प्राणायाम और योगासन करना और वज़न नियंत्रित रखना।
३. अगर किसी को फैमिली हिस्ट्री(Family History) मैं कैंसर है तो उसे क्या करना चाहिए?
उत्तर - यदि किसी परिवार की फैमिली हिस्ट्री में कैंसर की समस्या रही है तो उन्हें ज्यादा अधिक सावधान रहने की जरुरत हैं। कैंसर के रिस्क
को कम करने के लिए जरुरी है कि वह एक सही जीवन शैली का पालन करे और शराब एवं धूम्रपान के सेवन से बचें और साथ ही साथ
शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना, वजन को नियंत्रण में रखना। इन सभी का पालन करने से कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है
जिन्हे पारिवारिक इतिहास में कैंसर की समस्या रही हों।