फ़ूड पाइप या एसोफैगस का कैंसर एक जान लेवा बीमारी है। अन्य कैंसर की तरह यह कैंसर भी किसी को भी हो सकता है लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसके होने की सम्भावना ज्यादा होती है-
- तम्बाकू का सेवन
- शराब का सेवन
- एसिड रिफ्लक्स (जी इ आर डी ) : गैस, इनडाइजेशन और खट्टी डकार
- मोटापा
- एक्सरसाइज की कमी
यह कैंसर पुरुषो में ज्यादा देखा जाता है। यह आम तौर पर ५० साल की ऊपर की अवस्था में ज्यादा देखा जाता है ।
जब यह कैंसर शुरू होता है तो खाने में विरोध शुरू हो जाता है , खाना रुकने लगता है, अगर इलाज न किया जाये तो समस्या धीरे धीरे बढ़ने लगती है और पानी पीने में भी कठिनाई आने लगती है । मतली , जलन , वजन में कमी भी होने लगती है।
अगर ऐसे लक्षण किसी में होने लगे तो उन्हें डॉक्टर के पास जाना चाहिए और कुछ टेस्ट कराने चाहिए। इसमें ब्लड टेस्ट्स किये जाते है , यह देखने के लिए की कही खून की कमी तो नहीं हो रही है। बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है तो शरीर में प्रोटीन या एल्ब्यूमिन की भी कमी हो जाती है।
एक जो अहम् जांच है वो है एंडोस्कोपी जो की एक दूरबीन की जांच है। इसमें पूरी खाने की नाली का मुआयना किया जाता है और उत्तक ( टिश्यू ) का टुकड़ा लिया जाता है ( बायोप्सी ) बहुत लोगो को लगता है की बायोप्सी के बाद कैंसर फ़ैल सकता है , यह सत्य नहीं है । इसके अलावा सीटी स्कैन या पेट स्कैन करके देखते है की बीमारी कहा कहा है। शरीर में कितनी फैली हुई है । किसी भी कैंसर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है की बीमारी कितनी है। इलाज में रेडिएशन थेरेपी, ऑपरेशन और कीमोथेरेपी , सभी का उपयोग होता है । अब इम्यूनोथेरेपी की दवाइया भी इस बीमारी में कारागार सिद्ध हो रही है।
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