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Chemotherapy Side-Effects and its Management | Hindi

Chemotherapy Side-Effects and its Management | Hindi

कीमोथेरेपी तेजी से बढ़ने वाली कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए एक प्रकार का उपचार है। कई प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी दवाओं का उपयोग किया जाता है।

कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट

कीमोथैरेपी हमारे शरीर की तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को मारने में मदद करती है लेकिन यह स्वस्थ कोशिकाओं को भी मारती है जिसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कुछ साइड इफेक्ट हल्के होते हैं और आसानी से इलाज किया जा सकता है लेकिन कभी-कभी यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है। कीमोथेरेपी उपचार से होने वाले दुष्प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं: -

1. मतली और उल्टी।

2. बालों का झड़ना।

3. दस्त और कब्ज।

4. थकान।

5. संक्रमण।

6. भूख न लगना।

7. स्वाद में परिवर्तन।

8.  न्यूरोपैथी। (नसों पर प्रभाव)

9. बांझपन।

10. मुंह के छाले और अलसर (ओरल म्यूकोसाइटिस)।

11. हाथ-पैर सिंड्रोम।.

1. मतली और उल्टी

एंटी-कैंसर उपचार या कीमोथेरेपी से मतली और उल्टी हो सकती है। यह कैंसर के उपचार का सामान्य दुष्प्रभाव है और इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। निम्नलिखित सुझाव इन दुष्प्रभावों से बचने में मदद कर सकते हैं: -

 अपने शरीर को निर्जलीकरण(Dehydration) से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।

 हल्का भोजन करें और मसालेदार या जंक फूड से बचें।

 लगातार अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करें।

 अगर आपको मतली या उल्टी जैसा महसूस हो रहा है तो सोडा पानी पीने की कोशिश करें या एलोवेरा जूस भी ले सकते हैं।

 कीमोथेरेपी उपचार के दौरान इसे शुरू होने से रोकने के लिए आपका डॉक्टर आपको मतली-विरोधी दवाएं लिख सकता है। मतली-विरोधी दवाओं में ओन्डेनसेट्रॉन (एमीसेट) और मेटोक्लोप्रमाइड (पेरिनॉर्म) शामिल हो सकते हैं। राहत पाने के लिए निम्न औषधियों का सेवन किया जा सकता है:-

• टैबलेट ओंडेम (Ondem) 4MG दिन में तीन बार या 8mg दिन में दो बार।

• टैबलेट पेरिनोर्म (Perinorm) 20mg दिन में दो बार।

• टैबलेट डेक्सा (Dexa) 4mg दिन में दो बार। (यदि आप मधुमेह या मधुमेह के उपचार पर हैं तो इस दवाई का उपयोग न करे)

कोई भी दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।

यदि आपको निर्धारित मतली-रोधी दवाओं या अन्य निवारक उपायों से राहत नहीं मिल रही है, तो आपको राहत पाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

2. बालों का झड़ना

कीमोथेरेपी के कारण बालों का झड़ना, जिसे चिकित्सीय भाषा में एलोपेसिया भी कहा जाता है, कीमोथेरेपी दवाओं का एक सामान्य दुष्प्रभाव है। बालों का झड़ना कीमोथेरेपी दवाओं का अस्थायी दुष्प्रभाव है और सभी कीमोथेरेपी सत्रों के पूरा होने के बाद बाल वापस उग आते हैं। कीमोथेरेपी के दौरान आप अपने शरीर के अन्य हिस्सों जैसे सिर, चेहरे, बाहों और पैरों से बाल खो सकते हैं। अपने बालों को झड़ने से बचाने के लिए आप नीचे दिए गए तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं: -

 कूल कैप: - जब आप कीमोथेरेपी पर हों तो आप कूल कैप का उपयोग कर सकते हैं। कूल कैप को कीमोथेरेपी के दौरान आपके स्कैल्प को ठंडा रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह बालों के झड़ने को कम करने में मदद करता है। यह आपके स्कैल्प में रक्त के प्रवाह को कम करता है जिससे आपके स्कैल्प तक पहुंचने वाली कीमोथेरेपी दवा की मात्रा कम हो सके।

अपने चिकित्सक से बात करें कि आपकी उपचार योजना के अनुसार कूल कैप आपके लिए सहायक है या नहीं।

 छोटे बाल:- जब आपके बाल झड़ने लगें तो आप अपने बालों को छोटा भी कटवा सकती हैं क्योंकि छोटा हेयर स्टाइल बेहतर दिखता है, कम परेशान करने वाला होता है और आप अपना सिर पूरी तरह से शेव भी कर सकते हैं।

 विग: - अपने चेहरे को बेहतर दिखाने के लिए आप विग भी खरीद सकते हैं। विग का सबसे अच्छा मेल बनाने के लिए अपने विग स्टाइलिस्ट से बात करें और बेहतर मैच के लिए किसी भी बाल को खोने से पहले विग खरीदने की कोशिश करें।

 मुलायम हेयरब्रश या कंघी: - बालों के झड़ने को रोकने के लिए अपने बालों को धीरे से या मुलायम हेयरब्रश से कंघी करें।

 रासायनिक उत्पादों के प्रयोग से बचें: - यदि आप बालों के जैल या डाई जैसे बालों के उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं तो कीमोथेरेपी उपचार सत्र समाप्त होने तक इस रासायनिक आधारित उत्पादों से बचने का प्रयास करें। ये उत्पाद आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 स्कार्फ और टोपी: - जब आप बाहर हों तो आप एक स्कार्फ या टोपी पहन सकते हैं जो आपके सिर को धूप के संपर्क में आने से बचा सकती है और यदि आप विग नहीं पहनती हैं तो इसे सामान्य रूप से भी पहन सकती हैं।

3. दस्त और कब्ज

कीमोथेरेपी उपचार के दौरान आपको मल त्याग में परिवर्तन हो सकता है जो दस्त या कब्ज उत्त्पन कर सकता है। कब्ज में आपको मल त्याग करने में कठिनाई होती है या सख्त मल होता है और दस्त में आपको ढीला या पानी जैसा मल हो सकता है। इस दुष्प्रभाव को रोकने या प्रबंधित करने के लिए आप निम्नलिखित सुझावों को अपना सकते हैं: -

कोई भी दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर को सूचित करें और यह भी कि अगर दस्त या कब्ज बिगड़ जाए और इन दवाओं से राहत न मिले।

S.No कब्ज (Constipation) दस्त (Diarrhea)
1 तरल पदार्थ का खूब सेवन करें। दिन में कम से कम 2-3 लीटर तरल पदार्थ खूब पिएं और ओआरएस और इलेक्ट्रोल जैसे सप्लीमेंट भी लें।
2 फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे ताजा खाना फल, सब्जियां और अनाज का सेवन करे। जंक या मसालेदार भोजन से परहेज करें।
3 मल त्याग में मदद के लिए हल्का व्यायाम या जॉगिंग करें। हाई प्रोटीन डाइट लें।
4 जब तक कब्ज कम न हो जाए तब तक आपका डॉक्टर हर 6 घंटे में बिसाकोडील टैबलेट (डुलकोफ्लेक्स) लेने की सलाह दे सकता है। लगातार अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करें।
5 लैक्टुलोज या क्रेमाफीन सिरप को रात को सोते समय लें। आपका डॉक्टर डायरिया कम होने तक हर ढीले मल के लिए लोपरामाइड कैप्सूल (इमोडियम) लेने की सलाह दे सकता है। दस्त के लिए इमोडियम के 2 कैप्सूल एसओएस(SOS) लें (16mg/दिन से अधिक नहीं)।
6   आहार में प्रीबायोटिक्स जैसे स्पोरलैक(Sporlac) या एंटरोगेर्मिना(Enterogermina) शामिल करें।

 

4. थकान

थकान कैंसर के इलाज का सबसे आम दुष्प्रभाव है। यहां तक कि कैंसर भी थकान का कारण बन सकता है। थकान जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है और दैनिक दिनचर्या के काम में बाधा डालती है। कैंसर के उपचार के दौरान होने वाली थकान से निपटने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं: -

 रात में उचित नींद लेने के लिए अपनी सोने की आदतों को निर्धारित रखें या दिन में एक घंटे से भी कम समय के लिए अपनी झपकी को सीमित करें। अच्छी नींद लेने से थकान कम करने में मदद मिलती है।

 थकान कम करने के लिए दिन में आराम के लिए समय निर्धारित करें।

 व्यायाम या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि करने से आपको अपने ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद मिल सकती है और यह कैंसर से संबंधित थकान से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है।

 कभी-कभी उपचार के साइड इफेक्ट के कारण कुछ भी खाना मुश्किल हो जाता है और इस वजह से आपके शरीर को उचित पोषण नहीं मिल पाता है जिससे थकान हो सकती है। आप लगातार अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन खाने की कोशिश कर सकते हैं या उचित पोषण प्राप्त करने के लिए आहार विशेषज्ञ द्वारा बनाया गया आहार चार्ट भी प्राप्त कर सकते हैं।

 थकान को कम करने के लिए आप बाहर पार्क में या किसी शांत जगह पर कुछ समय बिताकर भी अपने दिमाग को मानसिक रूप से तरोताजा रख सकते हैं। इससे आपका दिमाग मानसिक रूप से तरोताजा रहेगा।

 कुछ दवाएं हैं जो आपको थकान से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं, इस बारे में अपने डॉक्टर से पूछें।

5. संक्रमण

कीमोथेरेपी उपचार संक्रमण के जोखिम को बढ़ाते हैं क्योंकि यह आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को कम करता है। डब्ल्यूबीसी हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। चिकित्सा की दृष्टि से, आपके शरीर में डब्ल्यूबीसी की कम संख्या को न्यूट्रोपेनिया कहा जाता है। कीमोथेरेपी के दौरान आपके शरीर को संक्रमण से बचाने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं: -

 स्वच्छता बनाए रखें: - कीमोथेरेपी के दौरान आपको उचित स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही जिन लोगों के पास PICC लाइन या केमो पोर्ट(Chemo Port) है, वे उस क्षेत्र को हमेशा साफ और सूखा रखे। बुखार और कंपकंपी जैसे संक्रमण के अन्य लक्षणों के लिए भी अपने शरीर की जाँच करें।

 भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें:- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर घूमने से बचें और ऐसे लोगों से दूर रहें जो बीमार हैं और जिन्हें सर्दी-जुकाम है।

 खाना खाने से पहले और बाद में या शौचालय का उपयोग करने के बाद हमेशा अपने हाथों को ठीक से धोएं।

 फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए ताजा पका हुआ खाना खाएं और खाने को ठीक से स्टोर करें। साथ ही जंक फूड खाने से बचें।

6. भूख न लगना

कभी-कभी कीमोथेरेपी उपचार के दौरान आपको कुछ भी खाने का मन नहीं कर सकता है। कीमोथेरेपी उपचार में या कैंसर के कारण ही यह आम है। भूख न लगना प्रबंधित करने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं: -

  आप लगातार अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन खाने की कोशिश करें या जब आपका मन करे तब खाएं।

 भूख न लगने पर अपने शरीर को निर्जलीकरण से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।

 उपचार के दिन हल्का भोजन करें और नियमित रूप से स्वस्थ अल्पाहार लें।

 Megestrol, Cyproheptadine जैसी दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूछें। 

उपचार के दौरान भूख न लगने पर अपने डॉक्टर से बात करें।

7. स्वाद में परिवर्तन

स्वाद में बदलाव कीमोथेरेपी उपचार का सामान्य और अस्थायी दुष्प्रभाव है। जो उपचार समाप्त होने तक बना रह सकता है। अपने स्वाद में बदलाव को बेहतर बनाने के लिए आप इन युक्तियों का पालन कर सकते हैं: -

 भोजन में अतिरिक्त स्वाद मिला कर खाएं जैसे मसाला (Seasoning) और कुछ अतिरिक्त मसाले डालें।

 मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने दांतों को बार-बार ब्रश करके अपने मुंह को हमेशा साफ और स्वस्थ रखें।

 कुछ भी खाने से पहले अपने मुंह को गुनगुने नरम पानी से कुल्ला करें जो आपकी स्वाद कलियों को साफ करने में आपकी मदद करेगा।

यदि आपको स्वाद के परिवर्तन से कठिनाई हो रही है और इसके कारण कुछ भी खाने का मन नहीं कर रहा है तो बेझिझक अपने उपचार करने वाले चिकित्सक से संपर्क करें।

7. स्वाद में परिवर्तन

स्वाद में बदलाव कीमोथेरेपी उपचार का सामान्य और अस्थायी दुष्प्रभाव है। जो उपचार समाप्त होने तक बना रह सकता है। अपने स्वाद में बदलाव को बेहतर बनाने के लिए आप इन युक्तियों का पालन कर सकते हैं: -

 भोजन में अतिरिक्त स्वाद मिला कर खाएं जैसे मसाला (Seasoning) और कुछ अतिरिक्त मसाले डालें।

 मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने दांतों को बार-बार ब्रश करके अपने मुंह को हमेशा साफ और स्वस्थ रखें।

 कुछ भी खाने से पहले अपने मुंह को गुनगुने नरम पानी से कुल्ला करें जो आपकी स्वाद कलियों को साफ करने में आपकी मदद करेगा।

यदि आपको स्वाद के परिवर्तन से कठिनाई हो रही है और इसके कारण कुछ भी खाने का मन नहीं कर रहा है तो बेझिझक अपने उपचार करने वाले चिकित्सक से संपर्क करें।

9. बांझपन

कीमोथेरेपी की कुछ दवाएं आपके शुक्राणु या अंडे या किसी अन्य प्रजनन परिवर्तन के उत्पादन को धीमा कर सकती हैं या रोक सकती हैं। कुछ प्रकार की कीमोथेरेपी से उपचारित लोगों के लिए स्थायी प्रजनन परिवर्तन का जोखिम अधिक होता है। सभी कीमोथैरेपी बांझपन का कारण नहीं बनती हैं। आपका इलाज शुरू करने से पहले आपका डॉक्टर आपसे इस बारे में चर्चा करेगा। उपचार शुरू करने से पहले आपका डॉक्टर आपको भविष्य के लिए बांझपन से बचाने के लिए निम्नलिखित विकल्प प्रदान करेगा: -

पुरुषों के लिए: - आपका डॉक्टर किसी भी अधिकृत आईवीएफ केंद्र में भविष्य के लिए आपके शुक्राणु (Sperm) को संरक्षित करने के लिए आपका मार्गदर्शन कर सकता है।

महिलाओं के लिए: - आपका डॉक्टर आपको किसी भी अधिकृत आई.वी.एफ केंद्र में डिंब संरक्षण (Ovum Preservation) के लिए लिख सकता है।

नोट:- कीमोथैरेपी शुरू करने से पहले शुक्राणु या डिंब संरक्षण प्रक्रिया को करना होता है और यह प्रक्रिया आपके उपचार करने वाले चिकित्सक के मार्गदर्शन में की जाती है।

10. मुंह के छाले और अलसर (ओरल म्यूकोसाइटिस)

कैंसर रोधी दवा या थेरेपी तेज़ी से बढ़ने वाली कैंसर कोशिकाओं को मारने का एक उपचार हैं लेकिन यह उपचार हमारे शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को भी मारता हैं जिससे मुँह में छाले और अलसर होने की सम्भावना हो सकती है जिसे हम मेडिकल टर्म(Medical Terms) में ओरल म्यूकोसाइटिस कहते हैं। छाले या घाव मुँह के किसी भी कोमल ऊतक पर उत्त्पन्न हो सकते हैं जैसे की होंठ, जीभ, मसूड़े इत्यादि और यह उस व्यक्ति के लिए अधिक दर्दनाक और असुविधाजनक हो सकता हैं।. यह आमतौर पर पूरी तरह से प्रतिवर्ती है और कैंसर रोधी चिकित्सा का एक अस्थायी दुष्प्रभाव है।  कभी-कभी यह खाना खाने की नली में फैल जाते हैं जिससे खाना निगलने में दिक्कत आ सकती हैं। कैंसर विरोधी दवाएं या सर और गर्दन की सिकाई(विकिरण चिकित्सा) दोनों उपचारों के दौरान मुँह में छाले और घाव उत्त्पन्न हो सकते हैं। कैंसर विरोधी दवाएं जिससे की मुँह में छाले या घाव उत्त्पन्न होने की सम्भावना हैं उनके उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं: - 

 नसों में इंजेक्शन द्वारा दी जाने वाली कैंसर विरोधी दवाएं: - Cisplatin, Doxorubicin, Etoposide, Flurouracil(5FU), Methotrexate, Carboplatin, Paclitaxel तथा अन्य दवाएं।

 मुँह से लेने वाली कैंसर रोधी दवाएं : - Capecitabine, Lanvatinib, Lapatinib, Sunitinib, Sorafenib, Etoposide, Cyclophosphamide तथा अन्य दवाएं।

लक्षण 

१. मुँह के अंदर सूजन होना और लाल होना: - कैंसर रोधी उपचार के दौरान मुँह की परत पर सूजन होना और लाल होना छाले और घाव का एक प्रमुख लक्षण हैं।

२. दर्दनाक छाले या घाव: - छालों या सूजन वाली जगह पर असहनीय दर्द होना।

३. मुँह से ख़ून बहना: - मुँह के छालों से ख़ून का बहना।

४. मुँह से मवाद या बलगम आना: - मुँह में मवाद और बलगम के विकास होने से मुँह में इंफेक्शन हो सकता हैं जो की मुँह के छालों एवं घावों का एक मुख्य स्त्रोत हैं।

५. खाना निगलने में परेशानी होना: - मुँह में छालों के होने से खाना निगलने में कठिनाई उत्त्पन्न हो सकती हैं।

६. जलन की अनुभूति होना: - गर्म या ठंडा खाना खाने के दौरान मुँह में जलन होना या जलन की अनुभूति होना।

बचाव 

मुँह के छालों और घावों से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स का पालन करे: - 

१. धूम्रपान के सेवन से बचे: - कैंसर विरोधी उपचार के दौरान व्यक्ति को अपनी धूम्रपान करने की आदत को छोड़ना पड़ता हैं क्योंकि धूम्रपान मुँह के छालों को अपने आप ठीक होने से रोकता हैं और साथ ही साथ कैंसर विरोधी दवाओं के उपचार में विरोध उत्त्पन्न करता हैं।

२. मुँह में बर्फ़ रखना: - कैंसर विरोधी उपचार के आधे घंटे पहले अपने मुँह के चारों और बर्फ़ के टुकड़े रखने से मुँह के छालों एवं घावों से बचाव किया जा सकता हैं।

३. शराब के सेवन से बचे: - शराब का सेवन भी मुँह के छालों और घावों को परेशान करता हैं इसीलिए शराब के सेवन से बचे।

४. मुँह की स्वच्छता: - अपने मुँह को इंफेक्शन से बचाने के लिए मुँह का स्वच्छ होना सबसे जरुरी है क्योंकि इंफेक्शन के कारण मुँह में दर्दनाक घाव या छालें होने की सम्भावना हैं। मुलायम ब्रिसल्स वाले टूथब्रश से दिन में दो बार दांतों को ब्रश करना।

५. भरपूर मात्रा में पानी पीना: - कैंसर विरोधी चिकित्सा के दौरान भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए मुँह के छालों से बचने के लिए।

ईलाज़ 

निम्नलिखित विकल्प आपके मुँह के छालों और घावों के ईलाज़ में मदद कर सकते हैं: - 

१. नमक के पानी से गरारे करना: - यदि मुँह में घाव या छालें उत्त्पन्न होते हैं तब आपको दिन में दो से तीन बार गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करने चाहिए। इससे मुँह के घाव और छालों में आराम मिलता हैं।

२. संवेदनाहारी(Anesthetic) उत्पाद का इस्तेमाल करना: - यदि मुँह के छालों में बहुत दर्द हो रहा हैं तब आप संवेदनाहारी उत्त्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो की दर्द कम करने में सहायक होती हैं जैसे की Hydrocort १% Gel, Zytee Gel, Orabase Gel और अन्य उत्त्पाद।

३. माउथवॉश का इस्तेमाल करना: - मुँह के छालों और घावों से निदान पाने के लिए आप अल्कोहल फ्री माउथवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की Chlorhexidine माउथवॉश। अल्कोहल आधारित माउथवॉश  का इस्तेमाल न करें।

४. दर्द निवारक दवाएं: - कुछ दर्द निवारक दवाएं मुँह के छालों के दर्द को कम कर सकती हैं जैसे की Naproxan , Diclofenac, Paracetamol तथा अन्य दवाएं। कोई भी दवा लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

५. जंक या मसालेदार भोजन से बचे: - मसालेदार या जंक फ़ूड के सेवन से बचे क्योंकि इस तरह के भोजन के सेवन से मुँह में जलन की अनुभूति हो सकती हैं।

६. नरम या नम भोजन का सेवन करें: - नरम या नम भोजन खाने में और निगलने में आसान होता हैं इसीलिए मुँह के छालें होने पर नरम या नाम भोजन का सेवन करें जैसे की दही, उबली हुई सब्जियां, पका हुआ अनाज़ और अन्य। साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित कर ले की भोजन का सेवन करने से पहले भोजन का तापमान सामान्य हो।

७. उपचार का अस्थायी रूप से बंद करना: - यदि मुँह के छालें और घाव बढ़ रहे हैं और राहत नहीं मिल रही हैं तो आप कुछ दिनों के लिए कैंसर विरोधी दवाएं  लेना बंद कर सकते हैं या दवाइयों की खुराक में कमी कर सकते हैं। उपचार में कोई भी परिवर्तन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

 

11. हाथ-पैर सिंड्रोम (Hand and Foot Syndrome)

हाथ-पैर सिंड्रोम कीमोथेरेपी दवा से होने वाला एक दुष्प्रभाव हैं जिससे हाथ एवं पैरों में लालपन, सूजन,दर्द एवं खुजली की अनुभूति होती हैं। कीमोथेरेपी दवा जो की शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में सहयोग करती हैं। कीमोथेरेपी दवा जिससे की हाथ-पैर सिंड्रोम होने की संभावना हैं के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं:-

 नसों में इंजेक्शन द्वारा दी जाने वाली कीमोथेरेपी दवाईयां:-  Inj.5-Flurouracil (5FU),Inj.Doxorubicin, Inj.Docetaxel, Inj.Paclitaxel तथा  Inj.Interleukin-२ की अधिकतम मात्रा। 

 मुँह से लेने वाली कैंसर रोधी दवाएं  :- Lenvatinib,Cabozantinib, Capecitabine, Axitinib, Pazopanib और अन्य दवाएँ।

लक्षण 

हाथ-पैर सिंड्रोम के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:-

१. हाथ एवं पैरों का लाल होना - यह हाथ एवं पैर का एक आम लक्षण हैं जो की धूप से झुलसने वाली स्थिति (Sunburn) के समान हैं। 

२. दर्द के साथ सूजन - हाथ एवं पैरों में सूजन के साथ दर्द होना हाथ-पैर सिंड्रोम का मुख्य लक्षण हैं। 

३. जलन और झनझनाहट - हाथ एवं पैरों में झनझनाहट का महसूस होना। 

४. हाथ एवं पैरों में छाले होना - हाथ एवं पैरों में छाले होना हल्की बेचैनी और दर्दनाक संवेदना पैदा कर सकती हैं। 

५. काम करने में कठिनाई होना - हाथ-पैर सिंड्रोम व्यक्ति को कोई भी काम करने से रोकता हैं या कठिनाई उत्पन्न करता हैं जैसे कि चलने में परेशानी होना, सामान उठाने में कठिनाई होना और काम करने में भी कठिनाई होना। 

बचाव 

हाथ-पैर सिंड्रोम से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स का पालन करे –

 १. गरम पानी के प्रयोग से बचे नहाते समय या बर्तन धोते समय। 

२. ठंडे पानी या सादे पानी से स्नान करे। 

३. अपने हाथ एवं पैरों को ठंडा रखे लेकिन बर्फ़ सीधे त्वचा पर न लगाए।

४. धूप के संपर्क में आने से बचें। 

५. ऐसी गतिविधियों से बचें जो हाथ या पैरों पर दबाव डाले जैसे की ऐरोबिक्स और जॉगिंग करना।

६. घरेलू सफाई या कपडे धोने वाले डिटर्जेंट पाउडर के संपर्क में आने से बचें क्योंकि उसमे हानिकारक रसायन होते हैं। 

७. नंगे पैर न चले तथा नरम चप्पल एवं ढ़ीले जूतों का उपयोग करे जिससे की हवा स्वतंत्र रूप से त्वचा पर स्थानांतरित हो सके। 

८. अपने हाथों और पैरों में लोशन का इस्तेमाल करने से बचे। हाथों को नमी प्रदान करने के लिए आप स्किन केयर क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ईलाज़ 

निम्नलिखित विकल्प आपके हाथ-पैर सिंड्रोम के ईलाज़ में मदद कर सकते हैं: -

१. दर्द निवारक दवाएँ एवं मलहम: - हाथ-पैर सिंड्रोम में दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप हथेलियों और तलवो पर लिडोकेन क्रीम का इस्तेमाल कर  सकते हैं। सूजन और दर्द में राहत के लिए नेप्रोक्सन(Naproxen) जैसी दर्द निवारक दवाएँ भी ले सकते हैं। कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करे।

 २. त्वचा को मॉइस्चराइज़ रखने के लिए आप यूरिया, सैलीसाइक्लिक एसिड या अमोनियम लैक्टेट युक्त मॉइस्चराइजिंग क्रीम का उपयोग कर सकते  हैं। क्रीम को त्वचा पर धीरे से एवं हल्के हाथों से लगाएं। 

३. दर्द और सूजन को कम करने के लिए आप स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं और मौखिक रूप से स्टेरॉयड दवाईयां भी ले सकते हैं। जैसे की हाइड्रोकॉर्टिसोन (Hydrocortisone) क्रीम का उपयोग। 

४. यदि स्थिति ख़राब हो रही हैं और स्टेरॉयड क्रीम और दवाओं से कोई राहत नहीं मिल रही हैं तो आप कुछ दिनों के लिए कीमोथेरेपी दवाएँ लेना बंद कर सकते हैं या राहत के लिए कीमोथेरेपी दवाई की खुराक कम कर सकते हैं। कीमोथेरेपी उपचार में कोई भी परिवर्तन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करे।

 

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